"संजय दत्त: एक जीवन, अनेक कहानियाँ" "Sanjay Dutt: One Life, Many Stories"

 

"संजय दत्त: एक जीवन, अनेक कहानियाँ"



 



प्रस्तावना



 भारतीय सिनेमा में संजय दत्त, जिन्हें संजू बाबा के नाम से भी जाना जाता है, एक अभिनेता हैं जो अपने फिल्मी करियर, संघर्षों और सफलता की कहानी के लिए प्रसिद्ध हैं। उनकी फिल्मी कारियर ने कई उतार-चढ़ाव देखा है, जो उन्हें आम आदमी की तरह दिखता है। इस लेख में हम संजय दत्त की जीवनी, उनके जीवन के महत्वपूर्ण पड़ावों और उनके करियर और व्यक्तित्व की विशेषताओं को समझेंगे।



 



जन्म और परिवार



 



बाबू दत्त नामक संजय दत्त का जन्म 29 जुलाई, 1959 को मुम्बई, महाराष्ट्र में हुआ था। उनके पिता सुनील दत्त भारतीय सिनेमा में अपने विशिष्ट अभिनय और कला के लिए जाना जाता था। उनकी मां, नर्गिस दत्त, भी मशहूर अभिनेत्री थीं और उनके अभिनय के लिए प्रशंसा मिली थी। संजय दत्त की बहन नम्रता दत्त और एक भाई सुनील दत्त हैं। उनके परिवार पर बॉलीवुड का सार्वजनिक जीवन बहुत प्रभावी था।



 



शौर्य और लड़ाई



 



संजय दत्त के जीवन के पहले दशक में उनकी साहसी और संघर्षपूर्ण जीवनी दिखाई देती है। उन्हें बचपन में अपने पिता से कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा और कई गलत रास्ते पर चलना पड़ा। उनके जीवन का सबसे बड़ा संघर्ष मानसिक स्वास्थ्य था। उन्हें मानसिक रोग था, इसलिए वे नशे में धुत गए और दिवालिया हो गए।



 



1982 में उन्हें पहली बार नशीले पदार्थों के चलते गिरफ्तार किया गया था, जिससे उन्हें तीन साल की सजा सुनाई गई थी। इस समय वे अकेलेपन महसूस करने लगे और जेल में अपने दोस्तों या परिवार से भरोसा खो चुके थे। जेल में संघर्ष करने के बाद, उन्हें अपने लक्ष्यों को समझने और सकारात्मक दिशा में चलने का समय मिला। अब उन्होंने खुद को पुनर्जीवित करने का फैसला किया और अपनी कला को एक नया आयाम दिया।



 



सिनेमा जगत में प्रवेश



 



1981 में, संजय दत्त ने भारतीय सिनेमा के प्रसिद्ध निर्माता-निर्देशक सुरेश ओबेरॉय की फिल्म "रॉकी" में अभिनय करके सिनेमा में अपना पहला कदम रखा। उनका अभिनय बहुत प्रशंसित हुआ और उन्हें फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला। संजय दत्त को इस फिल्म ने उनके बेहतरीन अभिनय से प्रेरित किया और उनके नए करियर की शुरुआत की।



 



उनके अभिनय ने बॉलीवुड के प्रसिद्ध निर्देशकों और निर्माताओं का ध्यान खींचा। फिर उन्होंने "नाम", "क़ुर्बानी", "हत्यारा", "सद्के तुम्हारे" और "नौटंकी साला" जैसी सफल फिल्मों में अभिनय किया। उनकी बेहतरीन अभिनय के कारण उन्हें भारतीय सिनेमा के एक विशिष्ट अभिनेता के रूप में सम्मानित किया गया।



 



नशे की बहस



 



संजय दत्त के जीवन में नशे की लत एक बड़ी चुनौती थी, जिससे उन्हें पराजित करना पड़ा। जब वे अपने करियर की चोटी पर थे, उन्होंने शराब पीने की कोशिश की। नशे की लत ने उन्हें फिर से अपने बुरे दिनों की याद दी। अब उन्हें लोगों की नकारात्मक टिप्पणियों का सामना करना पड़ा और खुद को साबित करने में मुश्किल हो गई।



 



न्यायिक विवाद



 



1993 में संजय दत्त को नवीनतम गिरफ्तार किया गया, तब उन्हें बहुत मुश्किल हुआ। मुंबई के बॉम्बे ब्लास्ट मामले में उन्हें संज्ञाना जगत के सामने पेश किया गया, जहां उन्हें आतंकवाद का आरोप लगाया गया था। उन्हें इस मामले में नियंत्रण से बाहर रखा गया था और सजा की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने उन्हें दोषी पाया था। 1993 में बॉम्बे ब्लास्ट केस में उन्हें छह साल की सजा सुनाई गई, जिसमें 18 महीने की जेल की सजा भी शामिल थी, जो उन्होंने पहले ही भुगतान की थी।



 



नवीन शुरूआत



 



जेल से बाहर निकलने के बाद संजय दत्त ने अपने जीवन को एक नए सिरे से शुरू किया। वे नई फिल्में बनाने और नई चुनौतियों से निपटने को तैयार थे। उनके अभिनय ने फिर से लोगों को मोह लिया और उन्हें प्यार और समर्थन मिला। फिल्मों में उनके विशिष्ट अभिनय के लिए वे एक्सेलेंस अवॉर्ड भी जीत चुके हैं।



 



संजय दत्त की वापसी और उसके प्रदर्शन



 



संजय दत्त की वापसी और सफलता की कहानी एक अद्भुत उदाहरण है जो हमें बताती है कि जीवन में मुश्किलों और संघर्षों के बावजूद भी हार नहीं माननी चाहिए। उन्हें जीवन के हर चरण में साहस और उत्साह दिखाया गया और खुद को साबित किया। उनके संघर्षों के बावजूद, उन्होंने नए शिखरों को छूने का सपना देखा और उसे साकार किया। संजय दत्त के संघर्षपूर्ण जीवन की कहानी हमें बताती है कि वे कई बार गिर गए, लेकिन हमेशा उठे और आगे बढ़े।



 



समाप्ति



 



संजय दत्त की जीवनी एक रोचक और प्रेरणादायक कहानी है जो हमें बताती है कि जीवन में संघर्ष और गिरावट हमें मजबूत करते हैं। वे कभी संघर्ष नहीं करते थे या हार मानते थे। वास्तविक और कठिन अभिनेता के रूप में उन्होंने साबित किया और सिनेमा जगत में अपनी अलग पहचान बनाई।



 



इसलिए, संजय दत्त के जीवन की इस अनूठी यात्रा का हिस्सा होने के कारण हमें उनका सम्मान और आदर करना चाहिए। सिर्फ एक अभिनेता के रूप में, बल्कि एक आदमी के रूप में भी उनकी जीवनी हमारे जीवन को बदल सकती है।



 



अभिलेखक



-        
अदित्या राज

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.